इतिहास के पन्नों मेंः 16 अगस्त
:कवि हृदय राजनेता का निधनः तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का 93 वर्ष की आयु में 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने 2005 में ही सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।
प्रखर वक्ता रहे वाजपेयी ने भारतीय राजनीति में अपने व्यक्तित्व और कृतित्व की अमिट छाप छोड़ी, जिसने भारतीय राजनीति को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया। इनमें भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न बनाना, पाकिस्तान से संबंध सुधारने की कोशिश में बस डिप्लोमेसी, कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाना, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के साथ-साथ कई दूसरी उपलब्धियां शामिल हैं।
भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में शामिल वाजपेयी 1968-1973 तक इसके अध्यक्ष रहे। भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष रहे वाजपेयी की देशभर में उनकी लोकप्रियता का ही नतीजा था कि वे चार दशक तक भारतीय संसद के सदस्य थे। वे इकलौते राजनेता थे, जिन्होंने चार राज्यों की छह लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर और विदिशा के साथ दिल्ली की नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनावी जीत हासिल की।
कवि हृदय अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रधर्म सहित कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर अपना सफर शुरू करने वाले वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से पहले प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के पद पर पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने 24 दलों की गठबंधन की सरकार बनायी थी, जिसमें 81 मंत्री थे।
अन्य अहम घटनाएंः
1886ः रामकृष्ण परमहंस देव ने आखिरी सांस ली।
1946ः बंगाल में बड़े स्तर पर दंगे भड़के, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गयी।
1960ः साइप्रस को ब्रिटेन से मुक्ति। वहां इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
1990ः चीन का पहला परमाणु परीक्षण ।
2008ः कॉन्गो में तैनात 125 भारतीय पुलिस अधिकारी संयुक्त राष्ट्र शांति पुरस्कार से सम्मानित।
2012ः विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को इक्वाडोर में राजनयिक शरण।