• Thursday., May 15 2025,11:27 AM
'बॉर्डर वेल्फेयर आर्गनाइजेशन के चेयरमैन अविनाश चौधरी ने राज्य मंत्री भारत सरकार रामदास आठवले से मुलाकात की'

बॉर्डर वेल्फेयर आर्गनाइजेशन के चेयरमैन अविनाश चौधरी ने राज्य मंत्री भारत सरकार रामदास आठवले से मुलाकात की

Jammu:

बॉर्डर वेल्फेयर आर्गनाइजेशन के चेयरमैन अविनाश चौधरी ने शास्त्री भवन दिल्ली स्थित कार्यालय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के रामगढ़ सेक्टर, जिला सांबा के लगभग 14 गांव व अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांव को सीमा आरक्षण सूची में शामिल करने के सहित सीमावर्ती गांवों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को मंत्री के समक्ष रखा।  


*सीमा क्षेत्र के कई गांवों को कई वर्षो से अंतरराष्ट्रीय सीमा आरक्षण का लाभ पूर्ण रूप से जमीनी स्तर पर नहीं मिल रहा*  

अविनाश चौधरी ने मंत्री रामदास आठवले को अवगत कराया कि कई वर्ष पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा आरक्षण के तहत उन गांवों को लाभ देने की योजना बनाई गई थी, जो पाकिस्तान की ओर से अकारण गोलीबारी से प्रभावित होते रहे हैं। इन गांवों के लोग निहत्थे होने के बावजूद गोलियों और गोलाबारी को सहन करते आए हैं। हालांकि, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस आरक्षण को जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू नहीं किया जा सका। अविनाश चौधरी ने बताया कि आरक्षण के नियमों के मुताबिक, वे सभी गांव जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से छह किलोमीटर हवाई दूरी के भीतर आते हैं, उन्हें इस आरक्षण श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए था। जिसका लाभ मुख्य रूप से सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को मिलना था। लेकिन वास्तविकता यह है कि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।  



*राज्य प्रशासन और केंद्र सरकार के स्तर पर उठाया गया मुद्दा*  

अविनाश चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे को कई बार राज्य प्रशासन और केंद्रीय मंत्रियों के सामने उठाया गया, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। उन्होंने मंत्री आठवले को बताया कि कुछ वर्ष पहले जब एक केंद्रीय मंत्री ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था, तब आयुक्त सचिव सोशल वेलफेयर विभाग, श्रीमती शीतल नंदा व अन्य संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी भी वहां मौजूद थे। हमने उनको बताया था कि सीमा से जुड़े कई गांव आरक्षण सूची में शामिल नहीं किए गए। वहीं इसके साथ ही एक औपचारिकता थी कि आईबी आरक्षण के लाभ के लिए आठ लाख की सालाना आय के ऊपर वाले परिवार को बाहर रखा जाएगा, जबकि कटुसत्य ये है कि गोलाबारी किसी भी परिवार की आय नही देखती। लिहाजा आठ लाख सालाना आय की औपचारिकता को भी हटाया जाए। अविनाश ने बताया कि उस समय उन्होंने मौखिक रूप से संबंधित औपचारिकताओं को जल्द पूरा करने और सालाना आठ लाख आय की हास्यपद औपचारिकता को जल्द हटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई।  

वहीं चौधरी ने मंत्री को बताया कि हमने आयुक्त सचिव समाज कल्याण विभाग जम्मू कश्मीर को लिखित पत्र भी सौंपा था कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा आरक्षण सूची से छूटे गांव को सूची में जोड़ा जाए, आयुक्त सचिव ने हमारे निवेदन पर डिवकॉम के द्वारा डीसी सांबा को निर्देश दिए थे तदोपरांत डीसी सांबा ने पीडबल्यूडी विभाग और राजस्व विभाग को आदेश जारी किया था कि आईबी आरक्षण लाभ की सूची के लिए जमीनी स्तर पर सही रिपोर्ट बनाई जाए और जो भी गांव सीमा से 6 किलोमीटर के अंदर आतें है उन गांवों की सूची समयबद्ध तरीके से तैयार की जाए। जिसके बाद अधिकारियों में जमीनी स्तर पर जाकर एक रिपोर्ट बनाई जिसमे रामगढ़ सेक्टर व जिला सांबा के अन्य सीमावर्ती क्षेत्र में 14 गांव ऐसे थे जो 6 किलोमीटर के अंदर आते थे और जो सीमा आरक्षण के लाभ से वंचित थे, उसकी रिपोर्ट डीसी सांबा ने डिवकॉम जम्मू के माध्यम से समाज कल्याण विभाग को सौंप दी गई। लेकिन जिला प्रशासन सांबा द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के आधार पर उन 14 गांव को आज तक भी सीमा आरक्षण की सूची में शामिल नहीं किया गया है और उन 14 गांव के सारे परिवार आज भी आईबी आरक्षण से वंचित रह रहे हैं।

*राज्य सरकार के अधिकारियों पर लगाया उदासीनता का आरोप*  

बॉर्डर वेल्फेयर आर्गनाइजेशन के चेयरमैन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार में कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो जानबूझकर केंद्र सरकार की योजनाओं को आम जनता तक नहीं पहुंचने देते। जबकि केंद्र सरकार लगातार और ईमानदारी से सीमावर्ती इलाकों के लोगों की भलाई के लिए कार्य कर रही है।  उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ अधिकारियों की असंवेदनशीलता और लापरवाही इतनी ज्यादा है कि बेहद गंभीर और महत्वपूर्ण मुद्दे भी उचित समाधान तक नहीं पहुंच पाते। उन्होंने मंत्री आठवले से अपील की कि वह इस समस्या को गंभीरता से लें और उन सैकड़ों लोगों को न्याय दिलाएं, जो वर्षों से गोलाबारी से आहत लोग आईबी आरक्षण की मांग कर रहे हैं।  

*मंत्री आठवले ने दिया समाधान का आश्वासन*  

अविनाश चौधरी ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि आप इस मामले पर त्वरित संज्ञान लेंगे और जल्द ही उन सभी गांवों को आरक्षण सूची में शामिल करने के आदेश जारी करवाएंगे, जो तय मानकों के अंतर्गत आते हैं व आठ लाख की वार्षिक आय की औपचारिकता को हटा देंगे और सरल औपचारिकता  देंगे जिससे सभी लाभार्थियों को आईबी आरक्षण का लाभ मिल सके। वही मंत्री रामदास आठवले ने  संबंधित विभाग के अधिकारी से फोन पर बात की और उनको लिखित आदेश भी जारी किया कि सीमा आरक्षण लाभ से वंचित सभी गांव जो 6 किलोमीटर के अंदर आते है उनको सूची में जोड़ा जाए इसके साथ जो सूची जिला सांबा के 14 गांवों की डीसी सांबा द्वारा समाज कल्याण विभाग भेजी गई है उन गांवों को अतिशीघ्र सूची में शामिल किया जाए और आठ लाख वार्षिक आय की औपचारिकता को भी हटाया जाए ताकि इसका लाभ लोगो को आसानी से व जल्दी मिल सके। मंत्री ने चौधरी से कहा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर की जनता के उत्थान के लिए हर संभव मदद कर रही है और केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीनीस्तर पर लागू करने में आ रही त्रुटियों को भी सुधारा जाएगा।

बीडब्ल्यूओ अध्यक्ष अविनाश चौधरी ने राज्य मंत्री रामदास आठवले का इस ज्वलंत मुद्दे पर संज्ञान लेने पर आभार व्यक्त  किया